Anju Dixit

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लेखनी प्रतियोगिता -23-Mar-2022मकान

  कच्ची दीवारों को पक्की बना लिया,

उसने अपना अलहदा मकान बना लिया।

बंटवारे के द्वंद में,
खो गए सब  गर्व में,
टाइल्स पत्थर से चमका दिया।

न वो सबका शोर गुल रहा,
न कोई किसी से मिल रहा,
सबके लिए अलग कमरा बना दिया।

 आधुनिक सारे तरीके हो गए,
कागज के फूल के बगीचे हो गए,
 भरी गर्मी में वातानुकूल से शिमला बना लिया।

अफसोश सब बना बहुत शानदार,
पर मिल न सका मन को वो खोया करार,
 घर टूटके बिखर गया झूठी आना में, अब जिद ने घर अपना बना लिया

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8 Comments

Punam verma

24-Mar-2022 09:51 PM

Very nice

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Seema Priyadarshini sahay

24-Mar-2022 06:04 PM

वाह मैम

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Renu

24-Mar-2022 11:42 AM

बहुत ही बेहतरीन रचना

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